Ashkon mein dooba ye jeevan

ASHKON MEIN DOOBA YE JEEVAN

अश्कों में डूबा ये जीवन

अश्कों में डूबा ये जीवन
खुशियों से भर जाएगा
जाते हैं हम ऐसे देश
सब कुछ बदल जाएगा

भूखे न होंगे वहाँ
प्यास लबों पे न होंगी
आ आ आ…
उसकी प्रशंसा मैं करूँगा
जीवन संवर जाएगा

खुशियाँ सारी जहाँ की
एक दिन तमाम होंगी
आ आ आ…
जिसकी नज़र है येशु मसीह पर
वो उसके संग जाएगा

Ashkon mein dooba ye jeevan

Ashkon mein dooba ye jeevan
khushiyon se bhar jaega
jaate hain ham aise desh
sab kuchh badal jaega

Bhookhe na honge vahaan
pyaas labon pe na hongee
aa aa aa…
usakee prashansa main karoonga
jeevan sanvar jaega

Khushiyaan baakee jahaan kee
ek din tamaam hongee
aa aa aa…
jisakee nazar hai Yeshu masih par
vo usake sang jaega

Daro mat chup chaap khade raho

DARO MAT CHUP CHAAP KHADE RAHO

डरो मत चुप-चाप खड़े रहो

डरो मत चुप-चाप खड़े रहो
ख़ुदा की नजात के काम देखो

पूर्वी हवाए जब चलती है
ख़ुश्क जमीन हो जाती है
पानियों का ढेर लग जाता है
ऊंची दीवार बन जाती है

वो ही पानी जो डराता था
और रस्ता भी न देता था
हुक्मे ख़ुदा से वो ही पानी
बस मुर्दा हो बैठा था

खुदावंद की सन्ना मै गाऊँगा
जलाल से फतह ए मंद हुआ
ख़ुदावंद मेरा साहिब ए जंग है
ख़ुदावंद मेरा जोर मेरा किला

डरो मत चुप-चाप खड़े रहो
ख़ुदा की नजात के काम देखो

Daro mat chup chaap khade raho

Daro mat chup chaap khade raho
khuda kee najaat ke kaam dekho

Poorvee havae jab chalatee hai
khushk jameen ho jaatee hai
paaniyon ka dher lag jaata hai
oonchee deevaar ban jaatee hai

Vo hee paanee jo daraata tha
aur rasta bhee na deta tha
hukme khuda se vo hee paanee
bas murda ho baitha tha

Khudavand kee sanna mai gaoonga
jalaal se phatah e mand hua
khudaavand mera saahib e jang hai
khudaavand mera jor mera kila

Daro mat chup-chaap khade raho
khuda kee najaat ke kaam dekho

Aasmani khushi se bhar de mujhko

AASMANI KHUSHI SE BHAR DE MUJHKO

आसमानी खुशी से भर दे मुझको

आसमानी खुशी से भर दे मुझको
गीत नया दिल में ला
उतर आ उतर आ उतर आ…आ
ए रूहे पाक उतार आ…

अमृत जल प्रभु मुझको पीला दे
दिल मेरे की, प्यास बुझा दे
चश्मा बन के उच्छल आ..
उतर आ….

आसमानी रोटी, मुझको खिला दे
कमज़ोर दिल को, तगड़ा बना दे
भरपूर कर के रजा
उतर आ….

पाक रूह आ मेरे, दिल के अंदर
बन जाऊ मैं, तेरा मंदिर
अपनी राह दिखा..
उतर आ…

Aasmani khushi se bhar de mujhko

Aasmani khushi se bhar de mujhko
geet naya dil mein la
utar aa utar aa utar aa…aa
e roohe paak utaar aa…

Amrt jal prabhu mujhako peela de
dil mere kee, pyaas bujha de
chashma ban ke uchchhal aa..
utar aa….

Aasmani roti, mujhko khila de
kamzor dil ko, tagda bana de
bharapoor kar ke raja
utar aa….

Paak rooh aa mere, dil ke andar
ban jaoo main, tera mandir
apanee raah dikha..
utar aa…

Methodist Hymns

A

Bedari Ke Geet

BEDARI KE GEET

Z

    Wedding Ceremony

    पवित्र विवाह की विधि

    Order of Worship

     

    1. Call to worship
    2. Entry of Groom
    3. Entry of Bride
    4. Bridal March
    5. Hymn 1
    6. Scripture Reading
    7. Message
    8. Wedding Ceremony
    9. Lord’s Prayer
    10. Benediction
    11. Registration & Special Song
    12. Hymn
    13. दूल्हा-दूल्हिन का चर्च से प्रस्थान

     

     

    1. दुल्हन का प्रवेश
    2. गीत-
    3. बाईबिल पठन
    4. विवाह संदेश
    5. पवित्र विवाह की विधि

    हे प्रियों, हम यहाँ परमेश्वर और इन साक्षियों के सामने इसलिए इकट्ठे हुए हैं कि इस पुरूष और इस स्त्री को पवित्र विवाह के बंधन में जोड़े क्योंकि यह एक विशेष संस्कार है जिसे परमेश्वर ने मनुष्य की पवित्रता की दशा में ठहराया, और यह इस रहस्य का चिन्ह है जो मसीह और उसकी कलीसिया के बीच में है और विवाह में उपस्थित होने और गलील के काना नगर में पहला आश्चर्य कर्म करने से मसीह ने इस पवित्र दशा को सुशोभित और सम्मानित किया इसलिए कोई शीघ्रता और अबुद्धिमानी से इस कार्य में हाथ न लगावे, परन्तु बड़े आदर भाव, सोच और विचार और ईश्वर के भय से इसमें सम्मिलित हो ये दोनो स्त्री पुरूष यहां विवाह की पवित्र विधि के द्वारा संयुक्त होने को आये हैं इसलिए यदि कोई जन ऐसा विशेष कारण जानता हो जिससे ये व्यवस्था की रीति से विवाह नहीं कर सकते हैं, तो बतलावें, नही तो इसके पश्चात् सदा तक चुप रहें। यदि तुम दोनों में से कोई ऐसा कारण जानता हो जिससे तुम अपना विवाह व्यवस्था की रीति से नहीं कर सकते हो तो उसे अभी बतलाओ और इसको निश्चिय जानों कि जितने ईश्वर के वचन की सम्मति के विरूद्ध जोड़े जाते हैं उनको ईश्वर नहीं जोड़ता और न उनका विवाह, विवाह है।

     

      (तब पादरी दुल्हन से यह कहे)

    मैं तुम दोनो ये कहता हॅू कि अब जब कि तुम दोनों परमेश्वर की   उपस्थिति में खड़े हो, इस बात को स्मरण रखो कि मुहब्बत और वफ़ादारी, एक अच्छे परिवार और घर के बुनयादी उसूल हैं। किसी मनुष्य का बांधा हुआ रिश्ता इतना अहम नहीं होता और न ही वह वायदे जो परमेश्वर के समक्ष किये जाते है पर यदि तुम इन वायदों का मज़बूती के साथ पालन करते हो तो तुम परमेश्वर की इच्छा को पूरा करोगे और तुम्हारा जीवन खुशियों से भर जायेगा और जो घर तुम बनाने जा रहे हो उसमें हमेशा शान्ति बनी रहेगी।

    (तब यदि किसी प्रकार का विरोध न हो तो पादरी दुल्हे का नाम लेकर यह कहे)

    पुरुष क्या तुम स्त्री को अपनी मनपसंद पत्नी होने के लिए स्वीकार करते हो और यह मानते हो कि उसके साथ परमेश्वर की आज्ञानुसार विवाह की पवित्र दशा में रहोगे? क्या तुम बीमारी और तन्दरुस्ती में उसको प्यार करोगे और उसे तसल्ली दोगे, उसका आदर करोगे, उसको अपने पास से अलग न करोगे और सब औरों को छोड़, जब तक तुम दोनो जीते रहो उसी के साथ रहोगे।

    दूल्हा- हां मैं ऐसा ही करूंगा।

     

     

     

    (तब पादरी दुल्हिन का नाम लेकर यह कहे)

    स्त्री क्या तुम पुरुष पुरुष को अपना मनपसंद पति होने के लिए स्वीकार करती हो और यह मानती हो कि उसके साथ परमेश्वर की आज्ञानुसार विवाह की पवित्र दशा में रहोगी? क्या तुम बीमारी और तन्दरुस्ती में उसको प्यार करोगी और उसे तसल्ली दोगी, उसका आदर करोगी, उसको अपने पास से अलग न करोगी और सब औरों को छोड़, जब तक तुम दोनो जीते रहो उसी के साथ रहोगी।

    दुल्हन- हाँ मैं ऐसा ही करूंगी

    (तब पादरी यह कहे कि कौन इस स्त्री को इस पुरूष से विवाह के लिए देता है)

    उत्तर मैं देता हॅू।

    (तब पादरी दूल्हे से कहे कि अपने दाहिने हाथ से दुल्हिन का दाहिना हाथ पकड़ो और इस प्रकार कहो)

    मैं पुरुष तुझ स्त्री को परमेश्वर के पवित्र नियम के अनुसार अपनी मनपसंद पत्नी होने के लिये स्वीकार करता हूँ और आज के दिन से जब तक हम दोनो जीते रहे अच्छी दशा बुरी दशा अमीरी और ग़रीबी में, बीमारी और तन्दरुस्ती मे तुझसे मिला रहूँगा और तुझे प्यार करूंगा और तेरी सुधि लूंगा और मैं शपथपूर्वक तुझे यह वचन देता हूँ।

    (तब दोनो अपने हाथ छोड़ दे और दुल्हिन दूल्हे का दाहिना हाथ अपने दाहिने हाथ मे लेकर इस प्रकार कहे)

    मैं स्त्री तुझ पुरुष को परमेश्वर के पवित्र नियम के अनुसार अपना मनपसंद पति होने के लिये स्वीकार करती हूँ और आज के दिन से जब तक हम दोनो जीते रहे अच्छी दशा, बुरी दशा, अमीरी और ग़रीबी में, बीमारी और तन्दरुस्ती में तुझसे मिली रहूँगी और तुझे प्यार करूंगी और तेरी सुधि लूंगी और मैं शपथपूर्वक तुझे यह वचन देती हूँ।

    (इस अवसर पर छल्लों का आदान प्रदान किया जायेगा)

    छल्लों के लिए प्रार्थना की जायेगी।

    (तब पादरी के साथ पुरूष यह कहे)

    पुरुष – अपने सभी वायदों की निशानी इस छल्ले से मैं तुझे ब्याहता हूँ और अपनी सांसारिक सम्पत्ति तुझे देता हॅू, पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से…आमीन

    स्त्री – अपने सभी वायदों की निशानी इस छल्ले से मैं तुझे ब्याहती हूँ और अपनी सांसारिक सम्पत्ति तुझे देती हॅू, पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से…आमीन

    (तब पादरी के साथ पुरूष यह कहे)

    पिता और पुत्र और अनंत जीवन के दाता, तू अपने इन दासों अर्थात इस पुरूष और इस स्त्री को जिन्हे हम तेरे नाम से आर्शीवाद देते हैं, आशीष दे कि ये दोनो अपनी वाचा को जो इन्होंने इस समय आपस में बांधी है विश्वास के साथ पूरा करें और सदा प्रेम और मेल से रहें और तेरे नियम के अनुसार जीवन व्यतीत करें हमारे प्रभू यीशू मसीह के द्वारा    आमीन

    (तब पादरी उनसे दाहिने हाथ मिलावें)

    जबकि स्त्री (स्त्री) और पुरुष (पुरूष) ने इस पवित्र विवाह में परस्पर एका किया है और इन दोनों ने परमेश्वर और इस सभा के सन्मुख इस बात को मान भी लिया और एक दूसरे को विश्वास के साथ स्वीकार भी किया और इसको अपने हाथों के मिलाने से प्रकट किया है, इस कारण मैं इनको पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से पति और पत्नी कहता हूँ जिनको परमेश्वर ने जोड़ा है, उनको मनुष्य अलग न करे। …………. आमीन

    (तब पादरी उनको यह वर दे)

    परमेश्वर पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा तुम को वर देवे, तुम्हारी रक्षा करें, और तुमको बचाए रखें परमेश्वर तुम पर अपनी दय दृष्टि करे ओर तुम को आत्मिक आशीष और अनुग्रह से ऐसा परिपूर्ण करे कि तुम इस जीवन में एक साथ ऐसा निर्वाह करो कि परलोक मे अनंत जीवन प्राप्त करो। …………….. आमीन

    1. प्रभु की प्रार्थना (सब मिलकर)
    2. आशीष वचन (कलीसिया को)
    3. रजिस्ट्रेशन
    4. गीत –
    5. दूल्हा-दूल्हिन का चर्च से प्रस्थान

     

     

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