Ulfat ajeeb ulfat ajeeb 97

उलफ़त अजीब उलफ़त अजीब उलफ़त अजीब उलफ़त अजीबक़ादिर ख़ुदा हुआ ग़रीबख़बर जो मिली चौपानों को हैसारे इनसानों के लिये वह हैपैदा आज हुआ मसीहपैदा आज हुआ मसीह करो सुजूद करो सुजूदचरनी में वह है मौजूदवह जिसने छोड़ा है अपना जलालआदमी की सूरत में हुआ पस्तहालता हम को बख्शे नजातता हम...

Upkar ki bhenten apni

उपकार की भेटें अपनी उपकार की भेटें अपनीप्रभु को चढ़ाना हैप्रभु को चढ़ाना है जो भी हमारा प्रभु का साराजिसका उसको देना हैभण्डारी हम प्रभु के जग मेंदसवां ही लौटाना है ख्रीष्ट यीशु ने स्वर्ग को त्यागाहम को प्रेम दिखाना हैहिस्सा दो प्रभु को जो कुछ होनिज भेंटे भी लाना है...

Uth meri ruh naye ragon se 74

उठ मेरी रूह नये रागों से उठ मेरी रूह नये रागों सेसैहूनी गज़लें गा तू लेफ़िरिश्तों में मिला आवाज़ मसीहजलाली सरफ़राज़मसीह जलाली और जमाली मसीहजलाली सरफ़राज़ ज़ेरबार बार गुनाह में जब मैं थासलीब पर चश्मा तब बहाशैतानी आख़िर हुआ राज मसीहजलाली मेरा ताजमसीह जलाली और जमाली...