आदम के साथ वाचा :
तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, कि तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है: पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा॥ (उत्पत्ति 2:16-17)

अनुग्रह की वाचा, छुटकारा देने वाले के विषय की पहली प्रतिज्ञा :
और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा। (उत्पत्ति 3:15)

अब्राहम से वाचा :
और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। (उत्पत्ति 12:2-3)
और पवित्र शास्त्र ने पहिले ही से यह जान कर, कि परमेश्वर अन्यजातियों को विश्वास से धर्मी ठहराएगा, पहिले ही से इब्राहीम को यह सुसमाचार सुना दिया, कि तुझ में सब जातियां आशीष पाएंगी। (गलातियों 3:8)

शपथ द्वारा पुष्टि :
इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा, कि उसकी मनसा बदल नहीं सकती तो शपथ को बीच में लाया। ताकि दो बे-बदल बातों के द्वारा जिन के विषय में परमेश्वर का झूठा ठहरना अन्होना है, हमारा दृढ़ता से ढाढ़स बन्ध जाए, जो शरण लेने को इसलिये दौड़े है, कि उस आशा को जो साम्हने रखी हुई है प्राप्त करें। (इब्रानियों 6:17-18)

अपनी वाचा के प्रति परमेश्वर की विश्वासयोग्यता :
……….वह अपनी वाचा को सदा तक स्मरण रखेगा। (भजन संहिता 111:5)
तू याकूब के विषय में वह सच्चाई, और इब्राहीम के विषय में वह करूणा पूरी करेगा, जिस की शपथ तू प्राचीनकाल के दिनों से ले कर अब तक हमारे पितरों से खाता आया है॥ (मीका 7:20)

मसीह – उत्तम वाचा का मध्यस्थ :
पर उस को उन की सेवकाई से बढ़कर मिली, क्योंकि वह और भी उत्तम वाचा का मध्यस्थ ठहरा, जो और उत्तम प्रतिज्ञाओं के सहारे बान्धी गई है। (इब्रानियों 8:6)
अब शान्तिदाता परमेश्वर जो हमारे प्रभु यीशु को जो भेड़ों का महान रखवाला है सनातन वाचा के लोहू के गुण से मरे हुओं में से जिला कर ले आया।(इब्रानियों 13:20)